गुना,
 मध्यप्रदेश की गुना-शिवपुरी सीट इस बार यूं तो कई कारणों से सुर्खियोंं में है, जिनमें एक कारण ये भी है कि इस बार यहां से भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है, वो लंबे समय तक कांग्रेसी और कांग्रेस के प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह यादव लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं।

भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री सिंधिया को चुनावी मैदान में उतारा है, जिनका आधे से अधिक राजनीतिक जीवन कांग्रेस से संबद्ध रह कर बीता है। वहीं कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह यादव पर भरोसा जताया है, जो न केवल स्वयं, बल्कि उनके पिता देशराज सिंह यादव, मां बाईसाहेब यादव और लगभग समूचा परिवार भाजपा से जुड़ा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के समय यादवेंद्र सिंह यादव कांग्रेस में आ गए थे, लेकिन उनकी मां अब भी भाजपा में ही हैं।

खास बात ये है कि सिंधिया इस सीट से पिछले लोकसभा चुनाव (2019) में कांग्रेस के ध्वज तले चुनावी मैदान में थे। हालांकि वे तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी के पी यादव से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2020 में सिंधिया कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आ गए और मध्यप्रदेश की तत्कालीन कमलनाथ सरकार गिर गई। इसके बाद सिंधिया राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री बनाए गए। इस बार भाजपा ने के पी यादव का टिकट काटकर सिंधिया को लोकसभा के चुनावी मैदान में उतार दिया है। ऐसे में यहां से कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए फौरन भाजपा से कांग्रेस में गए यादवेंद्र सिंह यादव का नाम अपने प्रत्याशी के तौर पर घोषित कर दिया।

लोकसभा क्षेत्र गुना में सात मई को मतदान होना है। यहां से सिंधिया और यादव समेत कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा का गढ़ रही गुना-शिवपुरी सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहता है, हालांकि यहां से बहुजन समाज पार्टी ने धनीराम चौधरी को चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।

भाजपा का गढ़ होने के बावजूद सिंधिया न केवल स्वयं इस सीट पर लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उनके समर्थन में यहां सभा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव भी यहां सिंधिया के समर्थन में वोट की अपील कर चुके हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने यहां सभा की है।
गुना-शिवपुरी संसदीय सीट तीन जिलों गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में फैली हुई है। ये आठ विधानसभाओं शिवपुरी, पिछोर, कोलारस, बमोरी, गुना (अजा), अशोकनगर (अजा), चंदेरी और मुंगावली से मिल कर बनी है, जिनमें से वर्तमान में बमोरी और अशोकनगर कांग्रेस के कब्जे में हैं।

लोकसभा की चंदेरी विधानसभा दुनिया भर में अपने हस्तशिल्प और चंदेरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है, हालांकि इसके बाद भी इन उद्योग धंधों की बदहाली और बुनकरों को अपनी कला का उचित दाम ना मिल पाना इस क्षेत्र के मुख्य मुद्दे हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से अहमियत रखने वाला चंदेरी कस्बा हालिया सालों में कुछ फिल्मों की शूटिंग की बदौलत सुर्खियों में आया है, इसके बावजूद पर्याप्त विकास ना होना इस क्षेत्र का सदा से मुद्दा रहा है। अन्य पिछड़ा वर्ग बहुल इस संसदीय क्षेत्र में कुल 18 करोड़ 71 लाख 537 मतदाता हैं, जिनमें 9 लाख 75 हजार 21 पुरुष, 8 लाख 96 हजार 463 महिला और 53 अन्य हैं।

 

 

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